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गुरु पूर्णिमाः मेरे गुरु श्री अरविंद हैं…

आगरा (arohanlive.com) । गुरु की महिमा अपरम्पार है। सद् गुरु होना और सद् गुरु द्वारा अपने सद् गुरु की आराधना करना सम्मोहित करने वाला होता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई 2021 को आ रहा है। इस अवसर पर सद् गुरु, साहित्यकार, कवि एवं विचारक रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल ने अपनी अनेक रचनाओं में अपने सद् गुरु श्री अरविंद की आराधना की है। यह रचनाएं आज से गुरु पूर्णिमा तक प्रकाशित होंगी, जो सभी को सम्मोहित करेंगी। शुरुआत करते हैं उनकी रचना- मेरे गुरु श्री अरविंद हैंसे।

(महर्षि श्रीअरविंद)

 

मेरे गुरु श्री अरविंद हैं

 

मेरे गुरु श्री अरविंद हैं

ताके लागूं पांव

हाथ जोड़ विनती करूं

हृदय रहो श्री भगवान।।

मेरे ईष्ट श्री अरविंद हैं,

जहां लुटाऊं प्रान,

पांव पकरि विनती करूं,

आवो श्री कृपा निधान।

 

मेरे गुरु श्री अरविंद हैं,

ताहि लगाऊं ध्यान,

दिन-रात प्रतीक्षा करूं,

अब न भटकाओ राम।

 

मेरे कृष्ण श्री अरविंद हैं,

ताहि बनाऊं खेवनहार,

भवसागर पार करूं कृपा से,

जग से लूं विश्राम।

मेरे गुरु श्री अरविंद हैं

 

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