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Special on Gupt Navratri: Shri Mahakali Namah:

आगरा (arohanlive.com) । गुप्त नवरात्रि आज से शुरू हो गए हैं। माता रानी हाथी पर सवार होकर आई हैं। गज पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन से उत्तम वृष्टि के आसार होंगे। इसकी शुरुआत भीषण गर्मी में बारिश के रूप में मिलनी भी शुरू हो गई है। साहित्यकार, कवि एवं विचारक रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल ने अपनी पुस्तक आरोहण की एक रचना- श्री महाकाली नमः में मां से प्रकाश और करुणा बरसाने की आराधना की है।

श्री महाकाली नमः

 

(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)

विरद करहु कजरारे सोचन,

अज्ञान-अहम् मुन्ड उतारो,

बाहिर निकालो काले असुरन,

मां प्रकाश भवन बनवो।

प्रेम करावहु पतितों तेहु,

पाप-पुण्य रेखा पार उतारो,

करुणा सुगन्ध भरो तन-मन,

चिरसत्य स्रोत जगावो।

महाविद्य़ा चमको बनि रवि,

कारी स्याही लेख मिटावो,

पाप मिटावो अतीत के,

सत्य धर्म अखण्ड ज्योति जलावो।

बाहं उखारो अधर्म-कुकर्म,

मां परमेश्वरी निज मूर्ति बनावो,

सफर करवो पूरे जीवन के,

मां महाकाली करुणा बरसावौ।।

अन्ध मुक्त करावौ…

 

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