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The literature of Shri Visheshwar Dayal, which gives a message of positivity to the country and society

आगरा (arohanlive.com) प्रख्यात साहित्यकार, कवि, लेखक एवं विचारक श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल के साहित्य और कविताओं का एक-एक शब्द राष्ट्र और समाज को सकारात्मकता का संदेश देने वाला है।

(श्री दयाल की कविताओं का पाठ करतीं पवित्रा अग्रवाल। मंचासीन गीतकार एवं गायिका प्रभा तलेगांवकर।)

उक्त उद् गार देश की मशहूर गायिका प्रभा तलेगांवकर ने श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल के तृतीय स्मरण दिवस एवं गीतांजलि कार्यक्रम में 26 जनवरी को व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन श्री अरविंद शिक्षण संस्थान पथवारी पर किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी महान विभूतियों की प्रेरणादायी रचनाओं से साहित्य समृद्ध होता है। भावी पीढ़ी के निर्माण और विकास में योगदान देता है, उनका साहित्य आत्म जागरण का है।

दयाल ने अतिमानसिक चेतना स्तर को प्रतिपादित किया

प्रसिद्ध चिकित्सक एवं श्री अरविंद आश्रम पांडुचेरी की आगरा शाखा की प्रमुख डा. सुनीता गर्ग ने श्री अरविंद दर्शन के विचारक श्री दयाल की रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि श्री अरविंद के अतिमानसिक चेतना के सिद्धांत को श्री दयाल ने प्रतिपादित किया है। वह शरीर से तो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अतिमानसिक चेतना के स्तर पर पर वह यहां मौजूद हैं। उन्होंने श्री अरविंद के 150 वें जयंती वर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महिलाओं से अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया कि वह गर्भकाल से ही अपने बच्चों में महापुरुषों को पैदा कर सकें।

भजनों ने चेतना के तार झंकृत किए

(श्री दयाल की रचना प्रस्तुत करते राहुल निवेरिया। तलबे पर संगत देते भानु प्रताप सिंह।)

इस मौके पर प्रख्यात गायिका प्रभा तलेगांवकर ने श्री दयाल की रचना- श्री राधे शरण तिहारी…, कैसा सिला है जिंदगी…, शक्ति का दुरुपयोग न कर और बचके निकल जा ज्ञान गली से…,आओ हम सम मिलकर प्रभु गुन गाएं की प्रस्तुति से चेतना के तार झंकृत कर दिए। राहुल निवेरिया माया तोरा छोर नहीं पाया..,   वंदना ने मैं निर्धन हूं, बिन प्रेम धन…, भजन की प्रस्तुति कर लोगों को भावविभोर कर दिया।

 (कार्यक्रम में उपस्थित महिलाएं।)

साहित्यकार राजेंद्र मिलन, विनय पाठक, डा. असीम आनन्द ने भी विचार व्यक्त किए। श्री दयाल की पुत्री पवित्रा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। शरद यादव ने आभार व्यक्त किया। संचालन साहित्यकार सुशील सरित ने किया। इस मौके पर श्री दयाल के पुत्र संजय अग्रवाल के अलावा विजय अग्रवाल, अजय अग्रवाल, वेद प्रकाश अग्रवाल, रीना अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, शानू अग्रवाल, सीमा, सोनिया, बीना शर्मा, अनिल यादव, रजत यादव, अनिल अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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