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Songs and music have played an important role in patriotism

आगरा (arohanlive.com) । राष्ट्रभक्ति में गीत-संगीत का अहम् योगदान रहा है। आजादी के पहले से लेकर वर्तमान तक गीत-संगीत हर वर्ग में राष्ट्र के प्रति जोश पैदा करने के साथ जिम्मेदारी का अहसास कराता रहता है।

 “राष्ट्रभक्ति में गीत संगीत” एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम

 

(राष्ट्रभक्ति में गीत-संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों को सम्मानित किया गया।)

उक्त उद् गार रविवार शाम देहलीगेट स्थित होटल गोवर्धन में श्री अरविंद शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित “राष्ट्रभक्ति में गीत-संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम” के दौरान अतिथियों द्वारा व्यक्त किए गए।

साहित्यकार श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल के गीतों पर सुर, स्वर, संगीत और नृत्य प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध

 

                                                           (सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करते कलाकार)

 

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में  साहित्यकार, कवि एवं विचारक रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल द्वारा रचित राष्ट्रभक्ति के गीतों पर कलाकारों ने सूर, स्वर, संगीत और नृत्य की अनूठी प्रस्तुतियों से सबको भाव विभोर कर दिया। गीतों के ये बोल सीधे दिल में उतर गए- सत्य धर्म चमको भारत में। पूरब-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण, सभी दिशाओं के लोग जागो। जातिवाद को छोड़ो यार। उठ जाग जवानी भारत की। डम-डम बाजे डमरू काल का। बेरोजगारी की समस्या पर गीत- ‘डूबी जाए नाव जवानी’ ने चेतना के तार झंकृत कर दिये।

भारतीय संगीतालय के कलाकारों ने गुरु वंदना और श्री दुर्गे महारानी आदि भजनों की सुमधुर प्रस्तुति से चार चांद लगा दिए। प्रसिद्ध वायलन वादक एसडी श्रीवास्तव ने वंदे मातरम् समेत अन्य धुनों पर लोगों का मन मोह लिया।

(राष्ट्रभक्ति में गीत-संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध वायलन वादक एसडी श्रीवास्तव प्रस्तुति देते हुए। तबले पर हैं भानु प्रताप सिंह।)

 

श्री अरविंद को किया याद

(राष्ट्रभक्ति में गीत-संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में विचार व्यक्त करतीं डा. सुनीता गर्ग।)

इस मौके पर महान स्वतंत्रता सेनानी व लेखक महर्षि अरविंद का जन्म दिवस भी मनाया गया। अतिथियों ने उनके चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित किया और उनके स्वाधीनता आंदोलन में किए गए योगदान का उल्लेख किया। श्री अरविंद सोसायटी की अध्यक्ष डा. सुनीता गर्ग ने श्री अरविंद के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि महर्षि अरविंद सच्चे क्रांतिकारी और महान विचारक थे। उन्होंने योग से आध्यात्मिक चेतना का जागरण किया।

संस्था की सचिव पवित्रा अग्रवाल  ने आभार व्यक्त किया। संचालन सुशील सरित ने किया।

इन्होंने किया प्रतिभाग

इस मौके पर अशोक अश्रु, मधु भारद्वाज, हरिमोहन सिंह कोठिया, संजय गुप्त, रेखा कक्कड़, प्रतिभा तलेगांवकर, अलका अग्रवाल, हरीश चिमटी, चंद्रशेखर शर्मा, असीम आनंद, शरद यादव, अनीता गौतम, कुमार ललित, विजय कुमार अग्रवाल, संजय कुमार अग्रवाल, अजय कुमार अग्रवाल, रीना अग्रवाल, शानू अग्रवाल, अंबुज अग्रवाल,  बीना शर्मा, विनीता दिवाकर, अनिल अग्रवाल और नवीन अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

 

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