गुरु वंदना
श्री गुरु रवि उदयो उर मंडल
चेतन लाली जीवन भर दो
स्वर्ण कमल खिला दो पूर्ण सत्य
धुंधला जीवन प्रकाशित कर दो।
दोष मिटा दो अज्ञान-अहम् के
शान्ति अमृत, घट भर दो
भाग्य जगा दो दास के
अपने रंग में, पूरा रंग लो।
गांठ खोल देहु माया की
चरनदास, सब भय हर लो
भेदभाव मिटावो ऊंच-नीच
सग रहस्य अनावृत कर दो।
सन्मुख राखौ दास
विरह पीड़ा हर लो
आनंद अमृत, घट भर दो
दयाल यात्रा पूरी कर दो।
प्रकाश में स्थिर कर दो…
रचनाकार– श्रीविश्वेश्वर दयाल अग्रवाल
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