आगरा(arohanlive.com) । कोरोना संक्रमण और चुनावी शोरगुल के बीच गणतंत्र दिवस की तैयारियां फिलहाल शांत पड़ी हुई हैं। ऐसे में राष्ट्रभक्ति से सराबोर गीत- यह जमीं है मंदिर का आनन्द लीजिए। गीत के रचनाकार हैं- प्रख्यात साहित्यकार, कवि, लेखक एवं विचारक श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल।
यह जमीं है मन्दिर…
(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)
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