आगरा (arohanlive.com) । 🌷 गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
🌷 गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
इस मंत्र का अर्थ है कि, “गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं, गुरु हि शंकर हैं; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म हैं।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर शनिवार 24 जुलाई को सुबह सद्गुरु, साहित्यकार, कवि एवं विचारक रहे संतश्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल का भक्तों द्वारा पूजन किया जाएगा, उनके द्वारा अपने सद्गुरु रहे श्री अरविंद के भजन होंगे। श्री दयाल की गुरु वंदना को लिखी गई एक उनकी आरोहण में प्रकाशित एक और रचना- श्री अरविंदाय नमः।
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(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)
श्री अरविंदाय नमः
श्री गुरु रवि उदयो उर मंडल,
चेतन लाली जीवन भर दो,
स्वर्ण कमल खिला दो पूर्ण सत्य,
धुंधला जीवन प्रकाशित कर दो।
दोष मिटा दो अज्ञान अहम्,
शांति अमृत, घट भर दो,
भाग्य जगा दो दास के,
अपने रंग में, पूरा रंग लो।
गांठ खोल देहु माया की,
चरनदास, सब भय हर लो,
भेदभाव मिटावो ऊंच-नीच,
सग रहस्य अनावृत कर दो।
सन्मुख राखो दास,
विरह पीड़ा हर लो,
आनन्द अमृत, घट भर दो,
दयाल यात्रा पूरी कर दो।।
प्रकाश में स्थिर कर दो….
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