आगरा (arohanlive.com) । होली का नाम सुनते ही मन और हृदय में आनन्द और उत्सव के गुब्बारे फूटने लगते हैं। रंगोत्सव का पर्व इस बार 17-18 मार्च को मनाया जाएगा। जानिये होली का शुभ मुहूर्त कब है। साथ ही इस मौके पर साहित्यकार श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल की कविता होली छबीली आई रे.. का आनन्द लीजिये।
होलिका दहन में भद्रा योग नहीं रहेगा
इस बार होलिका दहन में अशुभ भद्रा योग नहीं रहेगा। होलिका दहन के दिन भद्राकाल सूर्योदय से शुरू होगा और दोपहर में समाप्त होगा। यानी होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को शाम 6:39 से रात 10:15 बजे तक होगा। वहीं भद्रा योग दोपहर 1:39 बजे तक ही रहेगा।
होली छबीली आई रे…
(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)
होली छबीली आई रे…
काव्यजन स्वागत कू आवो,
भरि-भरि लावो प्रेम पिचकारी,
जनि-जनि पर रंग डारौ,
ले आवौ यौवन बसंत,
प्रेम रस सबहु पिलावौ।
आवौ ब्रजबाला मिल-जुल,
ब्रज नन्दन संग होरी खेलौ,
पीयो रस भरि- भरि के,
बैरिन केहुं संग खेलौ,
ना चूको खेलन होरी,
पूरन मासी, सब मिल खेलौ।।
होली छबीली आई रे…
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