अयोध्या (arohanlive .com)। श्री हनुमान जन्मोत्सव कल 23 अप्रैल को कई शुभ संयोग में। जानें शुभ मुहूर्त और अन्य जानकारियां।
मंगलवार को ही मनाया जाएगा जन्मोत्सव
चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन मंगलवार चित्रा नक्षत्र,वरीयान योग, विष्टि करण के शुभ संयोग में 23 अप्रैल 2024 को ही श्री हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
पूर्णिमा तिथि 22 अप्रैल 2024 दिन सोमवार कि रात्रि 03:25 से प्रारंभ होकर 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार की रात्रि/सुबह 05:18 तक पूर्णिमा तिथि मान्य रहेगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदयरंजन शर्मा बताते हैं कि श्री हनुमान ही मातंग ऋषी के शिष्य थे। सूर्य देव और नारद जी से भी इन्होनें कई गूढ़ विद्याएं सीखीं।
💥हनुमान जन्मोत्सव का मुहूर्त *
🌺 श्री हनुमान जनमोत्स्व पूर्णिमा तिथि 22 अप्रैल दिन बुधवार कि रात्रि /सुबह 03:26 से प्रारंभ हो जाएगी जो 23 अप्रैल दिन गुरुवार कि रात्रि /सुबह 05:18 तक होगी अतः 23 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार को ही श्री हनुमान जन्मोत्सव मनाना अति उत्तम माना जाएगा पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को ही मनाई जाएगी और उसी दिन पूरी रात्रि और पूरे दिन श्री हनुमानजी का जनमोत्स्व मनाया जायेगा। 23अप्रैल2024 की रात्रि को पूजा का विशेष फल है क्योंकि चैत्र पूर्णिमा की रात्रि में ही हनुमान जनमोत्स्व मनाने का विशेष प्रावधान है
🏵पूजा के दौरान ना करें ये भूल *
🍁महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है। इनकी विधिवत् उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा या सुन्दरकांड का पाठ करना चाहिएइस दौरान इन गलतियों से बचना चाहिए
🌹हनुमान जनमोत्स्व के दिन अगर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी वस्तु दान दें विशेष रूप से मिठाई हो,तो उस दिन स्वयं मीठे का सेवन ना करें*
🔥राम भक्त हनुमान सीता जी में माता का दर्शन करते थे और बाल ब्रह्मचारी के रूप में स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते हैं। इसलिए माता स्वरूप स्त्री से पूजन करवाना और उनका स्पर्श करना वे पसंद नहीं करते। फिर भी यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्जवलित कर सकती हैं। लेकिन उन्हें ना तो छुएं और ना ही उन्हें तिलक करें। महिलाओं का हनुमान जी को वस्त्र अर्पित करना भी वर्जित है*
🌸काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी की पूजा लाल, और यदि लाल या पीले वस्त्र में ही करें*
💐हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें*
🌟यदि आप का मन अशांत है और आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें। शांतिप्रिय हनुमान को ऐसी पूजा से प्रसन्नता नहीं होती और उसका फल नहीं मिलता
🌲हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं होता है। साथ खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है
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