नईदिल्लीलीक्स (arohanlive.com) । पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर को चुना गया है। पुरस्कार के साथ एक करोड़ की धनराशि दी जाती है।
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में लाया है बदलाव
गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस को अहिंसा और गांधीवादी तरीके से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में बदलाव लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई।
गीता प्रेस के इसी माह पूरे हुए हैं 100 साल
गीता प्रेस की स्थापना 1923 में हुई थी और अब तक यहां से 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। गीता प्रेस के सौवें वर्ष में यह पुरस्कार मिला है। इनमें से 16.21 करोड़ श्रीमद्भागवत गीता की प्रतियां भी शामिल हैं।
पुरस्कार के साथ एक करोड़ की धनराशि भी मिलेगी
संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि इस पुरस्कार के साथ एक करोड़ रुपये की धनराशि दी जाती है। इससे पहले ये पुरस्कार इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश ग्रामीण बैंक को दिया जा चुका है। दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत नेता नेल्सन मंडेला और बाबा आमटे को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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