आगरा (arohanlive .com)। होली पर भद्रा का साया भी कितने समय तक के लिए रहेगा। होलिका दहन का रात्रि में कौन-कौन सा शुभ समय और चौघड़िया मुहूर्त के बारे में जानिये विस्तार से।
सुबह 10:35 से 13 मार्च गुरुवार की रात्रि 11:29 मिनट तक भद्रा
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को होलका दहन किया जाता है क्योंकि इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष 14 दिन गुरुवार दिनांक 13 मार्च 2025 को चतुर्दशी तिथि सुबह 10:35 पर ही समाप्त हो जाएगीऔर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी इसी दिन होलिका का दहन किया जाना शुभ माना जाएगा। भद्रा फाल्गुन पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही प्रारंभ हो रही है 13 मार्च गुरुवार को सुबह 10:35 से 13 मार्च गुरुवार की रात्रि 11:29 मिनट तक भद्रा रहेगी इसके उपरांत होलिका दहन करना अत्यंत शुभ और लाभदायक माना जाएगा।
दो दिन का होता है रंगों का त्योहार
श्री गुरु ज्योतिषशोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक होलिका दहन. रंगवाली होली से एक शाम पहले किया जाता है। होली को 2 दिन का त्योहार माना जाता है रंग खेलने से। पहले होलिका दहन करने की परंपरा है इसकी कथा भक्त प्रहलाद से जुड़ी है।
12:55 से रात्रि 01:55 तक रहेगा चौघड़िया मुहूर्त
इस साल 2025 में होलिका दहन 13 मार्च 2025 की रात्रि को और घरों वाली होलिका दहन भी भद्रा उपरांत रात्रि 11:29 से प्रारंभ होगा जिसमें रात्रि 12:55 से रात्रि 01:55 तक लाभ कईअत्यन्त शुभ और हर कार्य में लाभकारी लाभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा इसके बाद, रात्रि03:25से प्रातः 06:25 तक होगा।
होलिका में आहुति देकर सुख-समृद्धि की कामना
अतः होलिका दहन के समय सभी लोग एक जगह आकर आग में आहुति देते हैं। होलिका में कच्चे आम ,नारियल, सप्तधान्य ,चीनी के बने खिलौने ,नई फसल का कुछ भाग गेहूं ,चना और मसूर आदि की आहुति दी जाती है। साथ ही घर परिवार में रोग दोषों से निवृत्ति, सभी प्रकार से सुख- समृद्धि बनी रहे और लाभ उन्नति की कामना भी की जाती है।
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