आगरा (arohanlive.com) । साहित्यकार, विचारक, कवि रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल ने देश, समाज, काल राजनीति समेत हर विषय पर कालजयी साहित्य, कविताएं, लेख आदि लिखे हैं कल छह अप्रैल-२०२३ को हनुमान जयंती है। हनुमान जयंती पर उनकी लिखी कविता शक्ति-भक्ति के देव महान को पढ़कर कीजिये श्री हनुमान जी की आराधना।
शक्ति-भक्ति के देव महान…
हनुमान वीर बलवंता,
शक्ति-भक्ति के देव महान,
एक कांधे पर बोझ मायागिरि का,
दूजे आत्मशक्ति की गदा विराजै ।
हाथों से सेवा करें प्रभु की.
हृदय सीता-राम विराजै,
ऊपर रहें तृष्णा-आशक्ति के शिखरों से,
बन भक्ति के देव महान।
प्रसन्न रहें आत्मखोज में,
माया जग को विसरावैं,
मस्त रहें जनकल्याण में ,
काहु निशाचर से न घवरावैं।
रक्षा करो प्रभु दासों की,
अंधे पथ मार्ग दिखावैं,
कामना करें भक्तों की,
प्रभु के घर पहुंचावैं।
हनुमन वीर बलवंता ,
पूर्ण योग के प्रतीक महान,
विचरण करें मायावन में,
बन श्री राम के दास महान।।
शक्ति-भक्ति के देव महान…
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