आगरा (Arohanlive.com)। दीपोत्सव का पांच दिवसीय पर्व 29 अक्तूबर से शुरू हो रहा है, पहला दिन मंगलवार धनतेरस का है। जानिये इस दिन सौभाग्य प्राप्ति के असरदार उपायों के बारे में।
मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है
अलीगढ़ के श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा के मुताबिक धनतेरस के दिन यह उपाय अत्यंत प्रभावी है। हमारा अनुभव है कि जिसने भी यह उपाय किया है उस पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रही है। यह उपाय आपको धनतेरस से आरंभ करना है।
संध्याकाल में स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें
धनतेरस के संध्याकाल में स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात निवास के पूजा स्थल पर ही एक लघु नारियल (गोला गिरी) पर तथा एक जटा नारियल पर अलग-अलग कलावा लपेटे व दोनों पर केसर से तिलक करें। छोटे नारियल एवं जटा नारियल व एक लाल चुनरी हाथ में लेकर महालक्ष्मी तथा धन के देवता कुबेर का स्मरण कर उनसे अपनी आर्थिक संपन्नता के लिए निवेदन करें। इसके पश्चात दोनों नारियल को सवा मीटर लाल नए वस्त्र पर रखकर उस पर रोली से पुनः तिलक करें तथा श्री लक्ष्मी का एकाक्षरी मंत्र “श्रीं” रोली से लिखें इसके बाद आप धूप दीप अर्पित करें तथा एक लाल गुलाब मां के चरणों में स्पर्श करवा कर दोनों नारियल के साथ रखें। कम से कम 3 माला ” श्रीं ह्रीं श्रीं ” का जाप करें। जप के बाद हाथ जोड़कर पूजा स्थल से बाहर आ जाएं।
लक्ष्मीनारायण के मंदिर में जाकर करें पूजा-अर्चना
अगले दिन संध्याकाल में ही किसी भी मां शक्ति के मंदिर में अथवा श्री लक्ष्मी नारायण के मंदिर में जा कर पूजा अर्चना कर पिछले दिन की लाल चुनरी वह एक नया जटा वाला नारियल मंदिर में अर्पित करें अर्थात चुनरी तो माता को उड़ा दें तथा जटा नारियल को माँ के चरणों से स्पर्श कराकर मंदिर में ही फोड़ कर वही छोड़ दें। अब मंदिर से ही एक लाल गुलाब का पुष्प लेकर निवास स्थान पर आए उस पुष्प को दोनों नारियल के साथ ही रख कर उन्हें एकाक्षरी मंत्र की तीन माला का जाप करें। अगले दिन आप केवल एक नया जटा वाला नारियल मंदिर में अर्पित कर एक गुलाब का पुष्प लाकर दोनों नारियल के साथ रख दें। दीपावली की रात्रि में पूजा के बाद दोबारा 11 माला ” ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालए प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मी नमः ॐ ” का जाप कर आर्थिक संपन्नता का निवेदन करें। तत्पश्चात दोनों नारियल व सभी पुष्पों को उसी लाल कपड़े में लपेट लें इसके बाद एक जटा नारियल को ले जाकर दीपावली संध्या को ही अथवा अगले दिन पुनः उसी मंदिर में अर्पित कर फोड़ दें और प्रणाम कर निवास पर वापस आ जाएं। लाल वस्त्र को छोटे नारियल सहित पोटली का रूप देकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दें इस उपाय के बाद आप स्वयं ही परिवर्तन अनुभव करेंगे
कुबेर यंत्र की इस तरह की जाए पूजा-अर्चना
संध्या काल में पूजा के स्थान के पास यह प्रयोग करना है। एक अभिमंत्रित कुबेर यंत्र की व्यवस्था करें। पूजा स्थल के पास के स्थान को गंगाजल से धोकर स्वच्छ कर लें। इस स्थान पर एक चौकी रखें और इसके सामने लाल आसन पर बैठ जाएं। चौकी पर सवा मीटर लाल वस्त्र 4 तह करके बिछाए और उसके ऊपर 11 कमलगट्टे के बीज रखें। इन बीजों के ऊपर श्री कुबेर यंत्र को स्थान दें। यंत्र को केसर से तिलक करें शुद्ध घी का दीपक व धूप अगरबत्ती के साथ कोई भी पीले रंग का मिष्ठान अर्पित करें और अपने निवास में मां लक्ष्मी के साथ स्थाई वास करने का निवेदन करें। अब आप यंत्र के समक्ष ही लाल रंग के आसन पर बैठकर हल्दी की माला से 11 माला निम्न मंत्र का जाप करें
मंत्र ” श्री कुबेराय नमः धंधान्यधिपतये नमोस्तुते ”
जप की प्रक्रिया दीपावली तक की जाए
जप के बाद प्रणाम कर उठ जाएं। अब अगले दिन भी यही क्रिया करें इस प्रकार से दिपावली तक यही क्रिया करते रहें। दीपावली की रात्रि में एक अभिमंत्रित श्री यंत्र को भी 11 कमलगट्टे के बीजों पर स्थान देकर रोली से तिलक आदि करें और दीपावली का पूजन करें पूजन के बाद मध्यरात्रि में जब सब सो जाएं तो आप पुनः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करके पूजा स्थान पर आसन पर बैठ जाएं अब पहले 11 बार लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें स्तोत्र के बाद कमलगट्टे की माला से 11 माला ” ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्रीहरिप्रिये श्री कुबेराय नमोनमः ” का जाप करें। जाप के बाद प्रणाम कर उठ जाएं और एक शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित कर अपने निवास के मुख्य द्वार पर रख दें। अगले दिन से आपको 5 दिन तक उपरोक्त मंत्र का जाप करना है धनतेरस से दीपावली तक और फिर दीपावली से इन 5 दिन तक आपके निवास में मां लक्ष्मी के साधन देवता श्री कुबेर का विवाह होगा यह विश्वास होना चाहिए
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