आगरा (arohanlive.com) । श्रीअरविंद ने पांच दिसंबर 1950 की रात 1 बजकर 26 मिनट पर पृथ्वी की चेतना से एकात्म कर अपने शरीर को छोड़ दिया था। समाधि दिवस के इस मौके पर श्री अरविंद दर्शन के महान विचारक, साहित्यकार, कवि एवं लेखक श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल द्वारा रचित श्री अरविंद को समर्पित एक भजन।
सद् गुरु ब्रह्म…
(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)
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