आगरा (arohanlive.com) । साहित्यकार, विचारक, कवि रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल ने देश, समाज, काल राजनीति समेत हर विषय पर कालजयी साहित्य, कविताएं, लेख आदि लिखे हैं। इस समय वर्ष 2021 के सितंबर माह में श्राद्ध पक्ष चल रहा है। पितरों को लोग याद कर श्राद्ध करते हैं। श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है- श्री दयाल ने अपनी पुस्तक आरोहण में अपने पूर्वजों को याद करते हुए- पितृदेव के गुन गाऊं में अपने श्रद्धा भाव को प्रकट किया है।
पितृदेव के गुन गाऊं
(बौहरे श्री रामसरन अग्रवाल (विधौलीवाले), श्रीमती जसोदा देवी।)
स्मरण करूं, शीश झुकाऊं
पितृदेव के गुन गाऊं
मांगूं क्षमा याचना भूलन की
प्रसन्नता का वर मांगूं ।
(श्रीमती शकुंतला देवी-श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)
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