आगरा, (arohanlive.com) । बल, बुद्धि, यश, धैर्य, निर्भरता, आरोग्यता, वाकपटुता समेत तमाम गुणों के प्रदाता श्री हनुमान जी का आज जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। साहित्यकार, कवि एवं विचारक श्री विश्वेश्वर दयाल के भजन शक्ति-भक्ति के देव महान में हनुमान जी की आराधना की गई है और उन्हें पूर्ण योग का प्रतीक गया है।
श्री विश्वेश्वर दयाल
शक्ति-भक्ति के देव महान…
हनुमन वीर बलवंता,
शक्ति-भक्ति के देव महान
एक कांधे पर बोझ मायागिरी का
दूजे आत्मशक्ति की गदा विराजै।
हाथों से करें सेवा प्रभु की
हृदय श्री सीता-राम विराजैं
ऊपर रहें तृष्णा-आशक्ति शिखरों से
बन शक्ति-भक्ति के देव महान।
प्रसन्न रहें आत्म खोज में
माया जग को विसरावें
मस्त रहें जन कल्याण में
काहु निशाचर से न घबरावैं।
रक्षा करें प्रभु दासों की
अन्धे पथ मार्ग दिखावैं
कामना पूरी करें भक्तों की
प्रभु के घर पहुंचावें।
हनुमन वीर बलवंता
पूर्ण योग के प्रतीक महान
विचरण करें मायावन में
बन श्री राम के दास महान
शक्ति के देव महान…
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