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anaukhee chhavi shyaam sundar kee…

आगरा (arohanlive.com) । मार्गशीर्ष (अगहन) माह 20 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस महीने में श्री कृष्ण की आराधना बहुत ही उत्तम मानी गई है। श्री कृष्ण ने मार्गशीर्ष माह की महत्ता गोपियों को भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान से मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा। श्रीकृष्ण ने स्वयं कहां है माह- में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस मौके पर साहित्यकार, विचारक, कवि रहे श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल की रचना- अनौखी छवि श्याम सुंदर की… का आनन्द लीजिए

अनौखी छवि श्याम सुंदर की…

(श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल)

अनौखी छवि युगल जोड़ी की

श्री राधा-रानी, मोर-मुकट संग

श्री रति स्वामिनी, श्री मदन मोहन संग

सौन्दर्य वर्षा होवै।

रस साम्रागी, रस सम्राट संग

श्री लीलेश्वरी, श्रीलीलेश्वर संग

सौन्दर्य श्री, सौन्दर्य-सिन्धु संग

सृष्टि आनन्द विभोर होवै।

आनन्द-लक्ष्मी, श्री आनन्द-विष्णु संग

श्री अखिलेश्वरी, श्री अखिलेश्वर संग

विश्व-पुरुष, विश्व-नारी संग

पृथ्वी-आकाश डोले।

गलबइयां डूबी युगल जोड़ी

हृदय अमृत-रस घोले

कैसे भक्ति जगे दयाल की

श्री गुरु श्याम-सुंदर प्रीति होवै।।

मन-मोहिनी, मन-मोहन संग

अमृत वर्षा होवै ….

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